मंगलवार, 29 दिसंबर 2009

अहसास

आज लगता है कुछ नया अहसास मन में जगा है। आखिर u.g.c. की उठा पटक से छुटकारा मिल गया। कितनी ही बार कोशिश करने पर जब सफलता न मिले और आखिर में मिल जाये तो उसे कह कर नही बताया जा सकता। सिर्फ महसूस किया जा सकता है। वैसे तो असफलता के इस कुछ समय में अपनों का साथ मिला पर उस मिलने में के चरित्र में फर्क सिर्फ मैं ही महसूस कर सकता था, किया भी । बाकी फिर कभी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें